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October 30, 2024
बंबई से बनारस: 18 घंटे Live रिपोर्ट / यूपी-बिहार के लोगों को बसों में भरकर मप्र बॉर्डर पर डंप कर रही महाराष्ट्र सरकार, यहां पूरी रात एक मंदिर में जमा थे 6000 से ज्यादा मजदूर
Vadodara News Network May 18, 2020
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बिना सोशल डिस्टेंसिंग के हजारों मजदूर एक छोटे से परिसर में कीड़े मकोड़ों की तरह भरे गए, आगे क्या होगा, कोई नहीं जानता
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पूरी रात मजदूर बस यही पूछ रहे थे- साहब, यहां से यूपी-बिहार जाए बिदा बस मिली? हे साहब, इ बसिया कब मिली हो?
मुंबई. दैनिक भास्कर के जर्नलिस्ट बंबई से बनारस के सफर पर निकले हैं। उन्हीं रास्तों पर जहां से लाखों लोग अपने-अपने गांवों की ओर चल पड़े हैं। नंगे पैर, पैदल, साइकिल, ट्रकों पर और गाड़ियों में भरकर। हर हाल में वे घर जाना चाहते हैं, आखिर मुश्किल वक्त में हम घर ही तो जाते हैं। हम उन्हीं रास्तों की जिंदा कहानियां आप तक ला रहे हैं। पढ़ते रहिए..
चौथी खबर, महाराष्ट्र-मप्र बॉर्डर पर बड़ी बिजासन माता मंदिर से:
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश बॉर्डर का इलाका। जिला सेंधवा, मप्र का बड़ी बिजासन माता मंदिर परिसर। भीड़ ऐसी की शायद ही किसी पूजा या त्यौहार पर भी इस मंदिर में कभी हुई होगी। ये भीड़ है
पूरे महाराष्ट्र से लाए गए यूपी और बिहार के लोगों की।
रात के 9 बजे तक महाराष्ट्र सरकार ने अपने परिवहन विभाग की एसटी बसों से लगभग 4-6 हजार लोगों को मंदिर परिसर में लावारिस छोड़ दिया। बसों का आना उसके बाद भी जारी था। यहां न तो कोई यूपी-बिहार का अधिकारी था और न ही महाराष्ट्र सरकार का नुमाइंदा। यहां लोहे की चादर वाले एक बड़े पंडाल में सभी मजदूरों को छोड़ा जा रहा है, जहां सोशल डिस्टेंसिंग नामुमकिन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दो गज दूरी बनाए रखने की अपील कर रहे हैं, पर बड़ी बिजासन माता मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में लोग एक-दूसरे से सटकर बैठे हुए थे। जो कई दिनों से सौ-सौ किमी पैदल चले हैं, वो वहीं थककर लुढ़क गए। वहां न तो महिलाओं के लिए टायलेट है न ही साफ पानी। पूरी रात मजदूर बस यही पूछ रहे थे, ‘साहब, यहां से यूपी-बिहार जाए बिदा बस मिली? हे साहब, इ बसिया कब मिली हो?’
बांद्रा से 25 लोगों का ग्रुप भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें एसटी बस से यहां छोड़ा गया। वे अब आगे वे कैसे जाएंगे, नहीं जानते? पुणे में रहने वाले राजेश को गोरखपुर जाना है। चूंकि परिवहन विभाग ने उन्हें सेंधवा, मध्य प्रदेश तक लाने का एक पैसा चार्ज नहीं किया। लिहाजा उन्हें लगता है कि यह सुविधा उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री की ओर से मिली है। परंतु मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर आकर उन्हें समझ में आया कि असल में यहां तक उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने छुड़वाया है और आगे मध्य प्रदेश सरकार की ओर से व्यवस्था की जाएगी।
रत्नागिरी जिले में पेंटिंग का काम करने वाले राम नारायण बताते हैं कि वे लोग ट्रक से सुल्तानपुर जिले के लिए रवाना हुए थे। बीच में पुलिस वालों ने ट्रक रोककर बस में सवार कर यहां भेज दिया। शाम 6 बजे वे मंदिर पहुंच गए थे।
ठाणे, मुंब्रा के रहने वाले रफी अहमद रात 8.30 बसे महाराष्ट्र परिवहन विभाग की बस से सेंधवा पहुंच गए। उन्हें आगे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर जिले तक जाना है, क्योंकि वहीं उनका भी घर है। वे नाराजगी जताते हैं कि यहां इस वक्त महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और यूपी तीनों राज्यों का एक भी अधिकारी नहीं है।
बोरीवली (पूर्व), टाटा पॉवर हाउस इलाके से बिहार के छपरा जिला जाने के लिए यहां पहुंचाए गए अमरजीत कुमार का 24 लोगों का ग्रुप है। वे कहते हैं कि बिहार सरकार ने हम बिहारी
मजदूरों को अपने हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया है।
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