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मदद की मिसाल / दिल्ली के किसान ने 10 प्रवासी मजदूरों को बिहार भेजने के लिए फ्लाइट के टिकट खरीदे, मजदूर बोले- शब्दों में नहीं बयां कर सकते खुशी
Vadodara News Network May 27, 2020
यह फोटो महाराष्ट्र के मुंबई का है। बुधवार को एक प्रवासी छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर ट्रेन का इंतजार करते-करते धूप में सामान पर ही झपकी लेते दिखा। देश में जारी लॉकडाउन के बीच स्पेशल ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य ले जा रही हैं।
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मजदूरों की फ्लाइट गुरुवार सुबह 6 बजे बिहार की राजधानी पटना के लिए उड़ान भरेगी
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लखिंदर राम ने कहा- मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं प्लेन में सफर करूंगा
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किसान ने सभी मजदूरों को तीन-तीन हजार रुपए भी दिए, ताकि घर लौटने के बाद भी उन्हें तकलीफ न हो
नई दिल्ली. लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटने में परेशानी हो रही है। दिल्ली के एक किसान पप्पन सिंह ने ऐसे ही मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए मदद की अनूठी मिसाल पेश की। इस किसान के यहां बिहार के 10 मजदूर काम करते हैं। वे लॉकडाउन की वजह से यहां फंसे हुए थे। किसान ने इन्हें बिहार भेजने के लिए 68 हजार रुपए में फ्लाइट के टिकट खरीदे।
अपने मालिक की इस दरियादिली से मजदूर काफी खुश हैं। गुरुवार सुबह 6 बजे दिल्ली से पटना के लिए इनकी फ्लाइट उड़ान भरेगी। इन मजदूरों ने अप्रैल में ही घर जाने की योजना बनाई थी मगर अब तक सफलता नहीं मिल पाई थी, उन्हें यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि वह अपने घर पैदल चलकर नहीं, बल्कि प्लेन से जा रहे हैं। सभी मजदूर समस्तीपुर के रहने वाले हैं।
शब्दों में बयां नहीं कर सकता खुशी: लखिंदर
फ्लाइट से घर जा रहे लखिंदर राम काफी खुश हैं। वे अपने बेटे के साथ घर लौट रहे हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी को बताया कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं प्लेन में सफर करूंगा। मैं इस खुशी को शब्दों में नहीं बयां कर सकता हूं। हालांकि, मैं थोड़ा नर्वस भी हूं कि एयरपोर्ट पहुंचेंगे तो मैं क्या करूंगा।
‘मालिक प्रवासी मजदूरों की हर तरह से मदद कर रहे’
लखिंदर कहते हैं कि मैं अपने मालिक पप्पन सिंह का आभारी हूं। वे प्रवासी मजदूरों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। उनका बकाया चुका रहे हैं। खाने-पीने का इंतजाम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मैं कल बिहार के लिए प्लेन से रवाना हो रहा हूं, तो उसे भरोसा ही नहीं हुआ। फिर मालिक ने खुद पत्नी से बात की और हमारे जाने की बात बताई।
सभी मजदूरों को 3-3 हजार रुपए भी दिए
पप्पन ने कहा- मैंने सभी श्रमिकों को 3-3 हजार रुपए भी दिए हैं। ताकि किसी को घर लौटने के बाद भी परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि यह सभी मजदूर अप्रैल में अपने घर जाना चाहते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो पाया।
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