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August 15, 2023
खुलासा / पुलवामा जैसा हमला दोहराने की साजिश में शामिल था इस्माइल लंबू, यह जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार
Vadodara News Network June 03, 2020
मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान में रहकर कश्मीर में आतंकी घटनाओं की साजिश रच रहा है। पिछले हफ्ते घाटी के अयानकुंड में नाकाम किए गए कार बम धमाके की साजिश में इसके रिश्तेदार लंबू इस्माइल का नाम सामने आया है।
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इस्माइल लंबू ने पिछले साल हुए पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघामी हमले में भी अहम भूमिका निभाई थी
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सुरक्षाबलों ने 28 मई को पुलवामा के राजपोरा रोड पर शादीपुरा के पास एक सैंट्रो कार पकड़ी थी, जिसमें 50 किलो एक्सप्लोसिव
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वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शक है कि जैश के निशाने पर सीआरपीएफ के 400 जवान थे, अब इस मामले की जांच एएनआई कर रही है
सुरक्षाबलों ने पिछले हफ्ते पुलवामा के अयानगुंड में कार में बम लगाकर हमला करने की साजिश नाकाम की थी। हफ्ते भर की जांच के बाद पता चला है कि इस साजिश में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) सरगना मौलाना मसूद अजहर का करीबी रिश्तेदार मोहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ लंबू शामिल था। लंबू घाटी में जैश का प्रमुख है। उसने 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में अहम भूमिका निभाई थी। इसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जांच कर रहे काउंटर टेररिज्म विभाग के दो अफसरों ने बताया है कि जल्द ही एनआईए इस मामले की जांच करेगी। पिछले साल किए गए आतंकी हमलों को लेकर भी जांच एजेंसी इस्माइल लंबू की तलाश है।
लंबू ने पुलवामा हमले के लिए विस्फोटक जुटाने में मदद की थी
एक अधिकारी ने बताया कि लंबू को इस्माइल भाई के रूप में भी जाना जाता है। उसने पुलवामा हमले की साजिश में शामिल तीन आतंकियों मुदस्सिर खान, खालिद और मोहम्मद उमर फारूक को विस्फोटक जुटाने की जानकारी दी थी। उन्हें बताया था कि घाटी में पत्थर की खदानों से जिलेटिन की छड़ें कैसे मिलेंगी? उसने तीनों को लोकल दुकानों से अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने में भी मदद की थी। तीनों आतंकियों को पुलवामा हमले के एक महीने बाद मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
इस्माइल लंबू ने 2018 में घाटी में जैश की बागड़ोर संभाली
लंबू 2018 में भारत आया था। अप्रैल 2018 में सेना के एनकाउंटर में कारी मुफ्ती यासिल को मारे जाने के बाद लंबू ने घाटी में जैश की बागड़ोर संभाली थी। लंबू एक आईईडी का अच्छा जानकार भी है। उसने पुलवामा हमले के लिए इस्तेमाल में लाए गए वैन में बम फिट करने में मदद की थी। इस्माइल का सहयोगी समीर अहमद डार भी हमले की साजिश में शामिल था। ऐसा माना जाता है कि भारत ने उसी का पीछा करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी।
जैश ने दूसरे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर साजिश रची थी
दूसरे अधिकारी ने बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि कार में पाया गया बम आरडीएक्स, अमोनियम नाइट्रेट और नाइट्रोग्लिसरीन से बना था। पुलवामा हमले में इस्तेमाल किया गया बम भी इन्हीं से बना था। दोनों घटनाओं में जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता दिखती है। हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा भी पिछले हफ्ते कार में बम रखने की साजिश में शामिल थे। क्योंकि ये सब पाकिस्तानी सेना के दबाव में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।
कार में 50 किलो एक्सप्लोसिव था
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने पिछले हफ्ते गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। यहां के राजपुरा रोड पर शादीपुरा के पास अयानगुंड में एक सफेद रंग की सेंट्रो कार मिली, जिसमें आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया। कार के अंदर ड्रम में एक्सप्लोसिव रखा था। कार का पता चलने के बाद सुरक्षा बलों ने आसपास का इलाका खाली करा लिया। इसके बाद बम डिस्पोजल स्क्वाड ने कार को उड़ा दिया। पुलवामा पुलिस के बाद सीआरपीएफ और आर्मी ने भी इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया
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