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August 15, 2023
निसर्ग चक्रवात / महाराष्ट्र-गुजरात तट से आज 110 किमी/घंटे की रफ्तार से टकराएगा तूफान; महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात
Vadodara News Network June 03, 2020
चक्रवाती तूफान निसर्ग 13 किमी/घंटे की रफ्तार से मुंबई की तरफ बढ़ृ रहा है। इसका दायरा सुबह करीब 65 किलोमीटर कम हो गया। इससे इसकी तीव्रता बढ़ गई।
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तूफान दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच रायगढ़ और दमण के बीच तट से टकराएगा
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निसर्ग 13 किमी/की रफ्तार से महाराष्ट्र के तट की तरफ बढ़ रहा, मुंबई में हाईअलर्ट
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परमाणु-रासायनिक संयंत्रों काे खतरा, मुंबई में 109 साल बाद पहुंचेगा कोई तूफान
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मध्यप्रदेश के 15 और राजस्थान के 14 जिलों में 3 दिन भारी बारिश का अलर्ट
नई दिल्ली. अरब सागर से उठा डीप डिप्रेशन मंगलवार को चक्रवाती तूफान में बदल गया। इस तूफान का नाम निसर्ग है जो 13 किमी/घंटे की रफ्तार से महाराष्ट्र के तट की ओर बढ़ रहा है। रात 2:30 बजे यह अलीबाग से 200 किमी और मुंबई से 250 किमी दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में था। अनुमान है कि यह दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच महाराष्ट्र में रायगढ़ के हरिहरेश्वर और दमण के के बीच 110 किमी/घंटे की रफ्तार से टकराएगा। वहां से होते हुए उत्तर में मुंबई, पालघर से होते हुए दक्षिण गुजरात की ओर बढ़ेगा। मुंबई तो इस सदी के पहले बड़े तूफान की जद में आ रही है।
चक्रवात निसर्ग की वजह से मुंबई से आने जाने वाले 19 उड़ानें रद्द की गई है। इनमें से 11 मुंबई से जाने वाली और 8 आने वाली हैं। मुंबई से चलने वाली 5 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है।
5 trains that were to depart from Mumbai Terminal have been rescheduled, while 2 trains that were scheduled to arrive at Mumbai Terminal to be suitably regulated and one train has been diverted: Indian Railways. #CycloneNisarga pic.twitter.com/3on8GoX33i
— ANI (@ANI) June 3, 2020
इस बीच, महाराष्ट्र के रत्नागिरी में तूफान के असर से तेज बारिश शुरू हो गई है।
#WATCH Maharashtra: Strong winds and rain hit North Ratnagiri area. #CycloneNisarga pic.twitter.com/AhvTeTr01P
— ANI (@ANI) June 3, 2020
अपडेट्स…
- साइक्लोन निसर्ग का दायरा बीते एक घंटे में 65 किमी कम हुआ है। हवा की रफ्तार 85-95 किमी/घंटे से बढ़कर 90-100 किमी/घंटे हो गई है।
- महाराष्ट्र के पालघर जिले के गांवों से 21 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जिले के सभी उद्योगों और बाजारों को बंद कर दिया गया है। मछुआरों से 4 जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया है।
- तूफान को देखते हुए पश्चिम नौसेना कमान ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया है। नौसेना ने 5 बाढ़ टीम और 3 गोताखोरों टीमों को मुंबई में तैयार रखा है।
- चक्रवात निसर्ग के मद्देनजर एनडीआरएफ की टीमें आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से मुंबई पहुंच गई हैं।
महाराष्ट्र और गुजरात में एनडीआरएफ की 36 टीमें तैनात
महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात की गई हैं। इनमें से मुंबई में 8, रायगढ़ में 5, पालघर में 2, ठाणे में 2, रत्नागिरी में 2 और सिंधुदुर्ग में 1 टीम राहत और बचाव का काम करेगी। नौसेना ने मुंबई में 5 फ्लड रेस्क्यू टीम और 3 गोताखोर टीम तैनात की हैं। उधर, गुजरात में एनडीआरएफ की 16 टीमों को भेजा गया है। यहां के तटीय जिलाें में 80 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा चुका है। दोनों राज्यों के 11 जिलों में अलर्ट है।

परमाणु-रासायनिक संयंत्रों काे खतरा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि तूफान के मार्ग में रायगढ़ और पालघर में पड़ने वाले परमाणु और रासायनिक संयंत्र भी हैं, इन्हें लेकर चिंता जताई जा रही है। इससे बिजली बंद होने का भी खतरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में उद्धव से बात भी की। पालघर में देश का सबसे पुराना तारापुर एटॉमिक पॉवर प्लांट है। यहां कुछ दूसरी पॉवर यूनिट्स भी हैं। मुंबई में बार्क (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) है। रायगढ़ में भी पॉवर, पेट्रोलियम, केमिकल्स और कुछ दूसरी अहम इंडस्ट्रीज हैं। मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और नेवी के अहम रणनीतिक ठिकाने हैं।
निसर्ग का असर कहां-कहां
तूफान के असर से मुंबई और गोवा में बारिश हो रही है। बुधवार को मुंबई में 27 सेमी से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। समुद्र में 2 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। तूफान की आशंका वाले जिलों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद की जा रही है। दक्षिण गुजरात के वलसाड़, नवसारी, सूरत के अलावा दमन, दादरा और नागर हवेली में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में भारी या अति भारी बारिश के आसार हैं। धार में मंगलवार को एक इंच पानी बरसा।
1891 के बाद महाराष्ट्र में तूफान का खतरा
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया है। इससे पहले 1948 और 1980 में ऐसे हालात बने थे, लेकिन वह चक्रवात में बदल पाया इसे लेकर मतभेद हैं।
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